डॉ. राकेश उपाध्याय लेखक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में व्याख्याता हैं। औंडि़हार, गाजीपुर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर गोरखा नाम की न्यायपंचायत है। इस...

बर्बर हूणों का जिन्होंने किया अन्त
राकेश उपाध्याय लेखक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में व्याख्याता है। वाराणसी से गोरखपुर जाइए तो सड़क के रास्ते या रेल के रास्ते वाराणसी से करीब 30 किलोमी...

इतिहास और विज्ञान का संगम है चित्तौडग़ढ़ का दुर्ग
विवेक भटनागर लेखक इतिहासविद् हैं। शौर्य और शक्ति के प्रतीक मेवाड़ और चित्तौडग़ढ़ का अपना अस्तित्व सिर्फ किसी जौहर और युद्ध से नहीं है। हम कह सकते हैं क...

स्वाधीनता संग्राम में आहूत पूर्वोत्तर की वीरांगनाएं
डॉ. राजश्री देवी लेखिका असम विश्वविद्यालय में अतिथि अध्यापिका हैं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय पूर्वोत्तर से भी ऐसे अनेक वीर योद्धा और वीरांगना ...

प्राचीन भारत में ध्वज
गुंजन अग्रवाल लेखक इतिहास के विद्बान तथा वरिष्ठ पत्रकार हैं। सनातन धर्म में ध्वज का स्थान बहुत ऊंचा है। भारतवर्ष में ध्वज का उपयोग सनातन काल से ही हो ...

राजकुमारी कार्विका जिससे हारा सिकंदर भी
मनीषा सिंह लेखिका इतिहासकार हैं। भारत का अतीत बड़ा गौरवमय रहा है। भारत की धरती को शस्यश्यामला कहा जाता है, रत्नगर्भा कहा जाता है, इतना ही नही अपितु वी...

माहिष्मती का सच जब चौहानों ने हराया था असुरों को
मनीषा सिंह लेखिका युवा इतिहासकार हैं। प्रसिद्ध फिल्म बाहुबली से लोगों को माहिष्मति नामक साम्राज्य से परिचय हुआ और लोगों को वहाँ के प्रतापी सम्राटों की...

क्या है चंद्रगुप्त मौर्य का काल?
डॉ. ओमप्रकाश पांडेय लेखक प्रसिद्ध अंतरिक्ष विज्ञानी हैं। राजनीति के मूर्धन्य आचार्य विष्णुगुप्त चाणक्य की योजनाओं को मूर्त रूप देने में सहयोगी रहे उनक...

ऐसे मनाई गई विक्रम संवत् की द्विसहस्राब्दी
राजशेखर व्यास अपर महानिदेशक, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी, आकाशवाणी महानिदेशालय विक्रम संवत् के दो हजार वर्ष का समाप्त होना भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घट...

महाभारत काल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश
डॉ. हेमेन्द्र कुमार राजपूत लेखक इतिहासकार हैं। महाभारत में स्वयं महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेद व्यास जी ने सम्पूर्ण जम्बूद्वीप का प्रादेशिक भ्रमण करके जो ...